SSL Kya Hai? इसके प्रकार और SSL Certificate कहाँ से खरीदें?

SSL Kya Hai, SSL Certificate Kya Hai: यदि आप एक Internet युजर है, तो दिन कई वेबसाइट को Visit करते होंगे, कई वेबसाइटों को Visit करने के लिए आप अपना नाम, मोबाइल नंबर, Email ID आदि भी देते हैं। इसके अलावा जब आप किसी वेबसाइट से Online खरीदारी करते हैं, तो आप वहाँ पर अपनी सारी बैंक Details भी देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि आप ये सारी जानकारी जिस वेबसाइट को दे रहे हैं वो सही है और आपके डाटा का गलत इस्तेमाल नहीं करेगी।

क्योंकि यदि आज के समय में आपके बैंक की जानकारी किसी गलत इंसान के पास पहुंच जाती है, तो वह चंद सेकेंड में आपके बैंक अकाउंट से आपके जीवन की सारी उड़ा सकता है। अब सवाल यह आता है कि हम पता कैसे करें कि हमारे द्वारा जिस वेबसाइट को जानकारी दी जा रही है। वो सही या गलत। इस सवाल का जवाब जानने के लिए आप इस लेख को अंत पढ़ रहें।

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आज का यह लेख Blogger, SEO Person या फिर आम इंसान जो इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको SSL Kya Hai? SSL के प्रकार, SSL कैसे काम करता है? SSL Certificate कहाँ से खरीदें? SEO में SSL Certificate कितना महत्वपूर्ण है? यह आपके ब्लॉग की रैंकिंग में क्या प्रभाव डालता है। आदि के बारे में विस्तार से बतायेंगे।

तो चलिए ज्यादा समय न लेते हुए सीधा चलते हैं अपने लेख पर और विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं कि SSL Certificate Kya Hai? इसके प्रकार और SSL Certificate कहाँ से खरीदें?

SSL Certificate क्या है? (SSL Kya Hai)

SSL Kya Hai
SSL Kya Hai

SSL Certificate एक डिजिटल Certificate है जो किसी वेबसाइट के लिए Authentication प्रदान करता है। SSL का मतलब Secure Sockets Layers होता है, जो एक स्टेंडर Technology Protocol होता है, जो Web Server और Web Browsers के बीच Encrypted Connection को सक्षम बनाता है। जो युजर्स के द्वारा शेयर किये गए प्राइवेट डाटा को सुरक्षित रखता है।

दूसरे शब्दों में, SSL Certificate का उपयोग Malicious Intent वाले किसी Third Party को प्रसारित किसी भी जानकारी को रोकने, पढ़ने या संशोधित करने से रोककर Internet Security को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।

SSL Certificate का उपयोग करने के लिए एक आदर्श उपयोग मामला एक ऑनलाइन स्टोर है। आमतौर पर, उनके पास बहुत सारे लेन-देन होते हैं जिनमें व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी और क्रेडिट कार्ड की जानकारी होती है। SSL Certificate के बिना, यह संवेदनशील डेटा किसी तीसरे पक्ष के सामने Exposed हो जाएगा।

जब आप किसी वेबसाइट को अपने ब्राउज़र में Open करते हैं, तो सर्च बार में आपको वेबसाइट के डोमेन नेम से पहले http या https लिखा होता है। जिस भी वेबसाइट के शुरूआत में https लिखा होता है। वह पूरी तरह से Safe और Secure होती है। ऐसी वेबसाइटों में आपके द्वारा शेयर की गई सारी जानकारी पूरी तरह से सुरक्षित रहती है।

जब इस प्रकार की वेबसाइट सर्च बार में इंटर होती हैं। तब यदि आप उसके सामने वाले आइकन पर Click करते हैं, तो उसमें आपको 1st में Connection is Secure लिखा होता है। जिसका मतलब होता है कि आपके द्वारा सर्च की गई वेबसाइट पूरी तरह से Safe है। आप जो भी डाटा शेयर करेंगे वो पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।

With SSL: https://example.com

Without SSL: http://example.com

SSL को Transport Layer Security यानि की TLS Protocol भी कहा जाता है। जिसका इस्तेमाल वेबसाइट, ई-मेल आदि बहुत सभी जगहों पर होता है। यदि किसी की e-commerce Site है, तो उसे SSL का इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है, क्योंकि उसके साइट से Product खरीदने के बाद Payment करने के लिए युजर्स को अपने बैंक अकाउंट की सारी जानकारी देनी होती है।

SSL Certificate के उदाहरण

SSL Certificate के उदाहरण को समझने के लिए आप मेरी वेबसाइट को देख सकते हैं। जब आप मेरी वेबसाइट के URL को सर्च बार में देखेंगे, तो उसमें आपको डोमेन नेम से पहले https लिखा हुआ दिख रहा होगा। इसके अलावा इस URL के सामने वाले आइकन पर क्लिक करेंगे, तो आपको Connection is Secure लिखा हुआ मिलेगा। जिसका मतलब यह कि मेरी वेबसाइट पूरी तरह Safe है आप इस पर अपनी Email ID, Bank Details आदि कुछ भी शेयर कर सकते हैं, वो पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी।

लेकिन यदि आपको सर्च बार में किसी वेबसाइट के URL से पहले https के स्थान पर http लिखा हुआ दिखकर है, तो आप सावधान रहे हैं और ऐसी वेबसाइट को अपनी Private जानकारी कभी भी शेयर न करें क्योंकि इस प्रकार की वेबसाइट Safe नहीं होती हैं। ऐसी वेबसाइट आपके डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकती हैं।

SSL Certificate के प्रकार (Types of SSL in Hindi)

SSL Certificate काफी प्रकार के होते हैं, लेकिन हम इस लेख में 6 सबसे महत्वपूर्ण SSL सर्टिफिकेट के बारे में आपको बतायेंगे, तो चलिए जानते हैं SSL Certificate के प्रकार के बारे में।

#1 – Single Domain SSL Certificate

इस प्रकार का SSL सर्टिफिकेट सिर्फ और सिर्फ एक ही डोमेन नेम पर Install होता है, यदि आप भविष्य में कोई सबडोमेन Create करते हैं, तो इस प्रकार SSL उन पर Install नहीं होता है।

#2 – Multi Domain SSL Certificate

जैसा की नाम से आपको पता चल रहा होगा कि इस प्रकार का SSL Certificate कई Unrelated डोमेन नेम पर Install हो जाता है। फिर चाहे वह सबडोमेन हो या आपके द्वारा खरीदा गया दूसरा, तीसरा या भी कोई सा डोमेन हो इस प्रकार का डोमेन नेम सब पर Install हो जाता है और उन्हे सुरक्षा प्रदान करता है।

#3 – Wildcard SSL Certificate

Single Domain SSL Certificate की तरह, Wildcard SSL Certificate केवल एक डोमेन नेम पर Install होता है। हालाँकि, इस प्रकार के SSL सर्टिफिकेट उस डोमेन नेम के सबडोमेन पर भी Install हो जाता है।  उदाहरण के लिए, एक Wildcard SSL Certificate, www.a2zhindime.com, story.a2zhindime.com, और technology.a2zhindime.com को कवर कर सकता है, जबकि Single Domain SSL Certificate केवल Domain Name को ही कवर कर सकता है।

SSL Certificate भी विभिन्न Validation Levels के साथ आते हैं। Validation Level बैकग्राउंड जांच की तरह है, और जांच की संपूर्णता के आधार पर Level बदलता है।

#4 – Domain Validation

इस प्रकार का SSL Certificate सत्यापन का सबसे कम कठोर Level और सबसे सस्ता है। किसी व्यवसाय को बस यह साबित करना है कि वे डोमेन नेम को Control करते हैं।

#5 – Organization Validation

इस प्रकार के SSL सर्टिफिकेट का इस्तेमाल अधिकतर Business Website करती हैं। जिससे उनकी वेबसाइट सुरक्षित रहती है ये प्रमाणपत्र उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक भरोसेमंद हैं। जिससे से वे बिना चिंता के अपनी सारी जानकारी आपके साथ शेयर कर सकते हैं।

#6 – Extended Validation

SSL Certificate जारी करने से पहले इसके लिए किसी संगठन की पूरे Background की जांच की आवश्यकता होती है। इस प्रकार के SSL Certificate के इस्तेमाल से वेबसाइट का URL जिस सर्च बार में Open होता है वह हरे रंग का होने के साथ-साथ बिजनेस का नाम भी Show होता है। यह एक High Security वाला SSL Certificate होता है।

SSL कैसे काम करता है?

SSL यह सुनिश्चित करके काम करता है कि उपयोगकर्ताओं और वेबसाइटों के बीच, या दो प्रणालियों के बीच स्थानांतरित किए गए किसी भी डेटा को पढ़ना असंभव बना रहे। यह Transit में डेटा को Scramble करने के लिए Encryption Algorithms का उपयोग करता है, जो कनेक्शन पर भेजे जाने पर हैकर्स को इसे पढ़ने से रोकता है। इस डेटा में संभावित रूप से संवेदनशील जानकारी जैसे नाम, पता, क्रेडिट कार्ड नंबर या अन्य वित्तीय विवरण शामिल होते हैं।

नीचे दिये Point से आप अच्छे से समझ सकते हैं कि SSL कैसे काम करता है?

  • एक Browser या सर्वर SSL से सुरक्षित किसी वेबसाइट (यानी, एक Web Server) से जुड़ने का प्रयास करता है।
  • ब्राउज़र या सर्वर अनुरोध करता है कि Web Server स्वयं की पहचान करे।
  • Web Server इस Process में ब्राउज़र या सर्वर को अपने SSL Certificate की एक प्रति भेजता है।
  • Browser या Server यह देखने के लिए जाँच करता है कि वह SSL Certificate पर भरोसा करता है या नहीं। यदि ऐसा होता है, तो यह Web Server को इसका संकेत देता है।
  • Web Server फिर SSL Encrypted सेशन शुरू करने के लिए डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित Acknowledgment लौटाता है।
  • Encrypted डेटा ब्राउज़र या सर्वर और वेबसर्वर के बीच साझा किया जाता है।
  • इस प्रक्रिया को कभी-कभी ” SSL handshake” कहा जाता है। हालाँकि यह एक लंबी प्रक्रिया लगती है, लेकिन यह मिलीसेकंड में पूरी हो जाती है।

जब कोई वेबसाइट SSL Certificate द्वारा सुरक्षित होती है, तो यूआरएल में संक्षिप्त नाम HTTPS (जो हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर के लिए होता है) दिखाई देता है। SSL Certificate के बिना, केवल HTTP अक्षर – यानी, सिक्योर के लिए एस के बिना – दिखाई देंगे। यूआरएल एड्रेस बार में एक पैडलॉक आइकन भी प्रदर्शित होगा। यह विश्वास का संकेत देता है और वेबसाइट पर आने वालों को आश्वासन प्रदान करता है। कि वे अपनी वेबसाइट पर शेयर कर सकते हैं। वो पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी।

SSL Certificate का विवरण देखने के लिए, आप Search Bar के अंदर स्थित पैडलॉक पर Click कर सकते हैं। इसमें आपको आमतौर पर निम्नलिखित जानकारी देखने को मिलेगी।

  • Domain Name जिसके लिए SSL Certificate जारी किया गया है।
  • SSL Certificate किसे जारी किया गया है। जैसे व्यक्ति, संगठन या डिवाइस।
  • किस सर्टिफिकेट अथॉरिटी ने इसे जारी किया तथा उसका डिजिटल हस्ताक्षर।
  • SSL Certificate करने की तारीख
  • SSL Certificate की समाप्ति तिथि

आदि सारी Show होती हैं।

Website को SSL Certificate की आवश्यकता क्यों है?

वेबसाइट पर आने वाले Visitor का Data सुरक्षित रखने, Website के Ownership को Verify करने, हैकर्स को नकली वेबसाइट बनाने से रोकने और उपयोगकर्ताओं पर भरोसा जताने के लिए वेबसाइटों को SSL Certificate की आवश्यकता होती है।

जब कोई Website युजर्स से Sign In करने के लिए उनकी Personal जानकारी, Online खरीदारी करने के बाद Payment करने के लिए Credit Card Number , Bank Account की जानकारी या Health Benefits, Financial Information आदि कुछ भी लेती है, तो युजर्स के दिये गये Data को Safe रखना बहुत जरूरी होता है।

यहीं पर SSL Certificate इस Data को सुरक्षित रखने में वेबसाइट मालिक की मदद करता है और युजर्स को यह विश्वास दिलाता है कि अपनी पर्सनल और बैंकिंग जानकारी शेयर करने के लिए ये वेबसाइट Authentic और Safe है।

SEO में SSL Certificate क्यों जरूरी है?

किसी भी ब्लॉग को SERPs के 1st पेज में रैंक करवाने के लिए उस ब्लॉग का SEO अच्छे से करना बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा गूगल 200+ रैंकिंग फैक्टर्स हैं, जो ब्लॉग जितने अधिक फैक्टर पर खरा उतरता है वह उतनी अधिक रैंक पाता है। गूगल के इन्ही 200+ में रैंकिंग फैक्टर्स में SSL Certificate भी आता है। जो किसी भी ब्लॉग की रैंकिग में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

हाँलाकि गूगल इन सभी रैंकिंग फैक्टर्स के बारे में कभी खुलकर नहीं बता है, लेकिन साल 2014 में गूगल ने अल्गोरिथम Update करने के बाद यह साफ कह दिया था कि हर वेबसाइट के लिए SSL Certificate जरूरी है। जिस वेबसाइट के पास SSL Certificate होगा उसकी रैंकिंग उस वेबसाइट से बेहतर होगी जिसके पास SSL Certificate नहीं होगा। फिर चाहे उस कितना अच्छा Content क्यों न मौजूद हो।

इसके कुछ दिनों बाद ही उन सभी वेबसाइट की रैंकिंग डाउन हो गई जिन पर SSL Certificate Install नहीं था और वेबसाइट की रैंकिंग में सुधार होगा जिन पर SSL Certificate Install था। अब शायद आप समझ गये होंगे कि SEO में SSL Certificate क्यों जरूरी है? और SSL Certificate ब्लॉग की रैंकिंग में कितना प्रभाव डालता है।

SSL Certificate कैसे Select करें?

अभी के समय में मार्केट में Free और Paid दो प्रकार के SSL मौजूद हैं। यदि आप Free SSL को अपने वेबसाइट में Install करना चाहते हैं, तो आप cloudflare से फ्री SSL ले सकते हैं, लेकिन इसमें आपको कोई प्रिमियम सर्विस नहीं मिलेंगी। इसके बाद जब आपका ब्लॉग/वेबसाइट Grow हो जाये तब आप DV SSL के लिए प्रीमियम SSL को ले सकते हैं।

यदि आपका बिजनेस या संगठन Online है, तो आप उसके डोमेन नेम के लिए Organization Validation SSL को ले सकते हैं। इसके अलावा आप ई-कॉमर्स वेबसाइट के लिए Extended Validation SSL को Buy कर सकते हैं क्योंकि यह बहुत ही हाई लेवल की सिक्योरिटी प्रदान करता है।

Https और Http में क्या अंतर है?

लेख को यहाँ तक पढ़ने के बाद आपको SSL Certificate Kya Hai अच्छे समझ में आ गया होगा, लेकिन शायद एक सवाल आपके मन चल रहा होगा कि Https और Http में क्या अंतर है? अगर ऐसा है, तो आप इसका जवाब नीचे दी गई सारणी से पा सकते हैं।

http ( Hypertext Transfer Protocol)https (Hypertext Transfer Protocol Secure)
वेबसाइट का URL http:// से शुरू होता है।वेबसाइट का URL https:// से शुरू होता है।
Http के साथ Open होने वाली वेबसाइट असुरक्षित होती हैं।Https के साथ Open होने वाली वेबसाइट सुरक्षित होती है।
इसमें TLS सर्टिफिकेट नहीं होता है।इसमें TLS सर्टिफिकेट भी होता है।
Http Encrypted नहीं होता है।Https पूरी तरह से Encrypted होता है।
यह OSI नेटवर्क Model के Application Layer पर Work करता है।यह OSI नेटवर्क Model के Transport Layer पर Work करता है।
यह 80 नंबर Port पर काम करता है।यह 443 नंबर Port पर काम करता है।
Https vs Http in Hindi

SSL Certificate कहाँ से खरीदें?

अभी के समय में मार्केट में बहुत सी ऐसी कंपनियां जैसे GoDaddy, BigRock, Namecheap आदि हैं, जो SSL Certificate Provide करती हैं। यदि आपने अपना ब्लॉगर हैं और आपने अपना ब्लॉग Blogger.com पर बनाया है, तो आपको SSL Certificate खरीदने के आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि Blogger.com पर आपको फ्री SSL मिलता है। जो ब्लॉग पर Already Install होता है।

इसके अलावा यदि आपने अपना ब्लॉग WordPress पर बना है, तो आपने जिस भी कंपनी से Hosting खरीदी है वहाँ से आपको SSL Certificate फ्री में मिला होगा क्योंकि आज के समय में अधिकतर Hosting Provider कंपनियां होस्टिंग के साथ SSL Free में प्रदान करती हैं।

SSL Certificate के फायदे

SSL Certificate के बहुत सारे फायदे होते हैं। कुछ फायदों के बारे में हमने आपको नीचे बताया है।

  • SSL Certificate के इस्तेमाल से आपकी वेबसाइट सुरक्षित रहती है।
  • SSL Certificate आपके युजर्स के डाटा को एन्क्रिप्ट करता है। जिसे कोई भी पढ़ नही पाता है।
  • SSL Certificate के इस्तेमाल से युजर्स की नजरों में आपकी वेबसाइट की इज्जत बढ़ती है।
  • SSL Certificate के इस्तेमाल से वेबसाइट की सर्च इंजन में रैंकिंग में सुधार होता है।

FAQ – SSL Certificate Kya Hota Hai

SSL Certificate से संबंधित अक्सर पूंछे जाने वाले Q&A निम्नलिखित हैं।

Q1 – SSL का पूरा नाम क्या होता है?

SSL का पूरा नाम Secure Sockets Layer होता है।

Q2 – SSL को हिंदी में क्या कहा जाता है?

SSL को हिंदी में सुरक्षित सॉकेट लेयर कहा जाता है।

Q3 – क्या गूगल SSL Certificate वाली वेबसाइट को ज्यादा महत्व देता है?

जी हाँ! गुगल SSL Certificate वाली वेबसाइटों को ज्यादा महत्व देता है। ऐसी वेबसाइटों को गूगल SERPs में टॉप पर रैंक करता है।

Q4 – Http का पूरा नाम क्या होता है?

Http का पूरा नाम Hypertext Transfer Protocol होता है।

Q5 – SSL क्या है?

SSL एक एन्क्रिप्शन-आधारित इंटरनेट सुरक्षा प्रोटोकॉल है। इसे पहली बार नेटस्केप द्वारा 1995 में इंटरनेट संचार में गोपनीयता, प्रमाणीकरण और डेटा अखंडता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विकसित किया गया था। SSL आज उपयोग किए जाने वाले आधुनिक TSL एन्क्रिप्शन का पूर्ववर्ती है।

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अंतिम शब्द – SSL Certificate Kya Hai

आज के इस लेख SSL Kya Hai? इसके प्रकार और SSL Certificate कहाँ से खरीदें? में हमने आपको SSL के बारे में सारी जानकारी विस्तार से प्रदान की है। यदि आपके मन में SSL से संबंधित कोई सवाल है, तो आप मुझसे कमेंट करके पूंछ सकते हैं। हम हर संभव आपकी मदद करेंगे।

मुझे आशा है कि आज का लेख SSL क्या है? आपको बेहद पसंद आया होगा। अगर ऐसा है, तो आप इस लेख को अपने मित्रों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं। Blogging, SEO, Make Money, Technology आदि के बारे में जानकारी पाने के लिए आप हमारे ब्लॉग आते रहें क्योंकि हम इन बिषयों से संबंधित आर्टिकल अपने ब्लॉग पर प्रतिदिन पब्लिश करते हैं।

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मेरा नाम आशीष कुमार है। मैं जिला कन्नौज उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं एक फुल टाइम Blogger हूँ। आपको मेरे Blog पर Tech, Blogging, Online Earning से संबंधित आर्टिकल मिलेंगे। मेरे Blog पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद!!!


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